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International Hardware Fair India 2023: हार्डवेयर टूल और पावर उद्योग ने दी जर्मनी और चीन को टक्कर, 2030 तक मैनुफैक्चरिंग सेक्
International Hardware Fair India 2023: भारत ने बहुत तेजी से उनके बर्चस्व को तोड़ा है और इस समय पूरा विश्व भारत की ओर नजरे
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पहला संस्करण दुनिया की सबसे बड़ी हार्डवेयर टूल एवं एक्सेसरी प्रदर्शनी है। आईएचएफ दुनिया भर से आधुनिक प्रोडक्ट्स और समाधान लेकर आया है।भारत, ताइवान, जर्मनी, चीन, तुर्की, कोरिया सहित विभिन्न देशों के प्रतिभागी इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
International Hardware Fair India 2023: तमाम चुनौतियों से जूझते हुए भारत ने हार्डवेयर हैंड एवं पावर टूल उद्योग सेक्टर ने 2030 तक मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। अभी इस क्षेत्र में जर्मनी और चीन का दबदबा है, लेकिन भारत ने बहुत तेजी से उनके बर्चस्व को तोड़ा है और इस समय पूरा विश्व भारत की ओर नजरें टिकाए हुए हैं।
यही नहीं यह उद्योग कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए नई तरीकों का पता लगाने और उसे इस्तेमाल करने में लगा हुआ है। यह जानकारी शनिवार को यहां प्रगति मैदान में चल रहे इंटरनेशनल हार्डवेयर फेयर इंडिया (एचआईएफ इंडिया) प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत करते ऑफिस ऑफ डेवलपमेन्ट कमिशनर मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई, भारत सरकार के निदेशक आरके राय ने दी।
यह ईसेनवेयर्न मैस्से- इंटरनेशनल हार्डवेयर फोयर कोलोग्ने, जर्मनी द्वारा पावर्ड और कोलन्मैस्से प्रा. लिमिटेड द्वारा आयोजित पहला संस्करण दुनिया की सबसे बड़ी हार्डवेयर टूल एवं एक्सेसरी प्रदर्शनी है। इस प्रदर्शनी में 200 से अधिक इंटरनेशनल प्रदर्शकों और 7000 से अधिक खरीददारों के साथ आईएचएफ दुनिया भर से आधुनिक प्रोडक्ट्स और समाधान लेकर आया है।
भारत, ताइवान, जर्मनी, चीन, तुर्की, कोरिया सहित विभिन्न देशों के प्रतिभागी इसमें हिस्सा ले रहे हैं। एक सवाल के जवाब आर.के. राय में कहा 2022 में हैण्ड टूल्स का बाज़ार 342.8 मिलियन डॉलर था जिसके 4.3 फीसदी की दर से बढ़कर 2029 तक 416.2 मिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। भारत एशिया-पेसिफिक हैण्ड टूल मार्केट में चीन का मुकाबला करने के लिए तैयार है।
इसके अलावा इंडस्ट्रियल फास्टनर्स का बाज़ार 2018 के बाद से 9.6 फीसदी की दर से बढ़कर 2023 में रु 460 मिलियन तक पहुंच जाएगा। भारत का हार्डवेयर और बिल्डिंग मटीरियल मार्केट लगातार विकसित हो रहा है और उम्मीद है कि यह दुनिया भर में 1.68 फीसदी की दर से बढ़ते हुए विश्वस्तरीय निर्यात में 1.2 फीसदी योगदान देगा।
सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ पहल ने भी खासतौर पर एमएसएमई सेक्टर में निर्माण के मानकों को उपर उठाने का लक्ष्य तय किया है। ऐसे में हमें विश्वास है कि आईएचएफ इंडिया 2023 भारत के हार्डवेयर सेक्टर के उज्जवल भविष्य के निर्माण में योगदान देगा।’’
इस मौके पर कोलनमैस्से प्रा. लिमिटेड के एमजी मिलिंद दीक्षित ने बताया कि भारत ने 2030तक मैनुफैक्चरिंग सेक्टर को 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है; यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि आर्थिक विकास एवं ओद्यौगिक प्रगति की दिशा में देश की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
यह सेक्टर 2020 से 2030 के बीच 11 फीसदी सीएजीआर की दर से बढ़ेगा। हैण्ड टूल्स एवं पावर टूल्स इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउन्सिल के चेयरमैन अरुण कुमार गरोडिया ने कहा विश्वस्तरीय चुनौतियों जैसे महामारी और भोगौलिक राजनीतिक उथल-पुथल के बाजवूद मूडीज प्रोजेक्ट इंडिया 2023, 5.5 फीसदी की दर से विकसित हो रहा है, जोकि जी-20 देशों में अधिकतम है। भारतीय इंजीनियरिंग सेक्टर, खासतौर पर हार्डवेयर उद्योग तेज़ी से विकसित हो रहा है और देश के विकास एवं निर्माण क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रहा है।
Press Coverage By:lokmatnews.in